3 “भागहाळा ह बे मिनख जखा आत्मा का भूखा हीं; क्युं क ईस्बर नगरी को राजपाट बाकोई ह!
म थानै सची-सची बोलुँ हूँ परमेसर की नजर्या म फरिसी नइ, पण ओ चुंगी लेबाळोई धरमी होर आपकै घरा गयो। क्युं क जखो खुदनै बडो मानसी बिनै छोटो अर जखो खुदनै छोटो मानसी बिनै बडो कर्यो ज्यासी।”
मेरा लाडला बिस्वास्यो, ध्यानऊँ सुणो, के ईस्बर बानै कोनी टाळ्यो जखा इ जगत का मिनखा की नजर्या म गरीब ह? जिऊँ बे बिस्वास म अमीर होज्यावै अर बि राज का अधिकारी बणै जिनै परमेसर बिऊँ परेम करबाळानै देबा को बादो कर्यो ह।
पण ईसु बोल्यो, “इऊँ बी बडा भागहाळा तो बे हीं जखा परमेसर का बचनानै सुणी अर बिपै चालीं हीं।”
बठैई ईसु बोल्यो “ओ परम-पिता ईस्बर नगरी अर धरती का मालिक म तेरो गुणगान करूं की तू आ बातानै ज्ञान्याऊँ अर स्याणाऊँ लखोर राखी अर गुठा छाप प आका भेदानै खोल्या।
“परबु की पबितर आत्मा मेर प ह, क्युं क बे मेरो अभिसेक करर भेज्यो ह, क म बोदानै चोखो समचार सुणाऊँ, केद्या की अजादि को हेलो पाड़ूँ, आँदानै आँख्या द्युँ, दब्या-चिथ्यानै उठाऊँ,
ईसु झाळ्या म भर'र चेलानै ओडायो, “थे टाबरानै मेरै कनै आबा द्यो। अर आ टाबरानै मना नटो, क्युं क परमेसर को राज आ जंय्यां कोई ह।”
“पण थे भागहाळा हो, क्युं क थे देखो अर समजो हो।
बो मिनख भागहाळो ह जखो बिचास्या जाबा की घड़ी म डट्यो रेह्वै ह, क्युं क बिनै बिचास्या जाबा क पाछैई खरो मिनख बणार जीवन को मुकट मिलसी, जिनै परबु आपका परेम करबाळानै देबा को बादो कर राख्यो ह।
ईसु बिऊँ बोल्या, “तू मनै देखर मेर प बिस्वास कर्यो ह। पण भागहाळा हीं बे मिनख जखा मनै बिना देख्या बिस्वास करीं हीं।”
भागहाळो ह बो दास जखो आपका मालिक क पाछो आबा प बिनै बिका कह्या गेल करतो लाधै।
अर अमीर बिस्वासी गुमान करै क्युं क थानै निचो कर्यो गयो ह। अमीर मिनखानै तो घास की जंय्यां एक दिन बळर नास होणो ह।
“भागहाळा हीं बे जखा हुकमानै मानी हीं जिऊँ बानै जीवन का दरखत का फळ खाबा की छुट होसी। बानै दरवाजा होर नगरी म बड़बा की छुट होसी।
जणा बो ईस्बर नगरी दुत मेरूँ बोल्यो, “अंय्यां मांड: बे मिनख भागहाळा हीं जखा उन्या का ब्या की मेळ म नूत्या गया हीं।” बो ओज्यु बोल्यो, “अ बचन परमेसर का सचा बचन हीं।”
जणा बो राजा आपकै दाया कानि खड़्या मिनखाऊँ बोलसी, ‘मेरा परम-पिताऊँ आसिरबाद लियड़ा मिनखो थे आओ अर बा आसिरबादानै लेल्यो जखा इ सरस्टि की सरूआतऊँ थारै ताँई ह।
भागहाळा ह बे जखा मेरै प बिस्वास करै ह।”
म थानै बताऊँ हूँ क, बोळा मिनख अगुणी अर पाछुणी दिसाऊँ आसी अर बे ईस्बर नगरी राज म अब्राहम, इसाक अर याकूब क सागै जिमबा बेठसी।
अर आ खेर परचार कर्यो क, “थे थारा पापऊँ तौबा करो! क्युं क ईस्बर नगरी को राज सांकड़ै ह।”
पण ईसु ओडायो, “टाबरानै आबा द्यो आनै मना मत करो क्युं क ईस्बर नगरी को राज अंय्यां का कोई ह।”
राज करबा ताँई म थानै बो हक देर्यो हूँ जखो मेरा परम-पिताऊँ मनै मिलेड़ो ह।
क्युं क मेरा राज म थे मेरी चोकी प खाई-पी करस्यो अर राजगद्या प बेठर इजरायल का बारा गोता को न्याय करस्यो।”
तू बोलै ह, ‘म पिसाळो हूँ, म धन जोड़ लिओ हूँ मनै ख्याकीई कमी कोनी।’ पण तनै कोनी बेरो क तू नीच, बिचारो, कंगलो, आँदो अर नंगो ह।