43 बे सगळा परमेसर का इ बडा कामऊँ ताजूब म पड़गा। अर जद मिनख ईसु का करेड़ा सगळा कामा प ताजूब करर्या हा, बि टेमई ईसु आपका चेलाऊँ बोल्यो,
ईसु आपका चेला क सागै गलिल म गयो अर बानै खयो, “मिनख को बेटो मिनखा क हाता म सूप्यो जाबाळो ह।
म्हें थानै आपणा परबु ईसु मसी की सक्ति क बारां म अर बिकै ओज्यु आबा क बारां म जखो समचार सुणाया हां, बा कोई मन घड़त क्हाणी कोनी ही, पण म्हें खुद बिकी मेमानै म्हारी आँख्याऊँ देख्या हां।
जणा बो बाऊँ बुज्यो, “कठै गयो थारो बिस्वास?” पण बे ईसु अर बिकाळी सक्तिऊँ डरै हा अर जोक्यु बो कर्यो बिपै ताजूब करर्या हा। अर आपसरी म बतळार्या हा, “ओ कूण ह? जखो भाळ अर पाणी दोन्या प हुकम चलावै, अर बे इको खयो करै।”
आ देखर सगळा धोळा होगा अर परमेसर की जे-जैकार करबा लागगा। अर डरता-डरता बोल्या, “आज तो म्हें अनोरीई बात देखी ह।”
आ देखर देखबाळा ताजूब करबा लाग्या अर सगळा आपसरी म बतळाबा लाग्या क, “ओ काँई बचन ह? अधिकार अर सक्ति क सागै ओ मिनख सूगली ओपरी बलायनै हुकम देवै अर बे निकळर भाग ज्यावीं।”
इकी आ बजे ही क बो अर बिकै सागैहाळा अत्ती मछ्या पकड़ी जणा बानै ताजूब होयो हो।
अर बो बाकन न्याव प गयो अर भाळ थमगी अर बे ताजूब करबा लाग्या।
जद बो छोरो आर्यो हो जणा बिच मई बा सूगली ओपरी बलाय बिनै रोड़ली अर मरोड़ी देर जमीन प दे मारी। जणा ईसु जोरऊँ बि बलायनै दकालर बि छोरा मऊँ बिनै काड दि। अर छोरानै राजी-खुसी बिका बापनै समळा दिओ।
जणा अत्ती खेताई बो देखबा लागगो अर परमेसर की बडाई करतो बिकै गेल होलिओ। देखबाळा आ देखर परमेसर को गुणगान गाबा लागगा।