41 जणा ईसु बोल्यो, “अरै भेम करबाळो अर कुटिचर मिनखो, म कद ताँई थारै सागै रेहस्युं अर थानै भोगस्युं? जा अर तेरा छोरानै अठै ल्या।”
जणा बो थोमाऊँ बोल्यो, “आ, अर तेरी आँगळ्या घालर मेरा हात देख अर तेरा हातनै मेरी कोल म घाल। भेम करबो छोड अर बिस्वास राख।”
ईसु बोल्यो, “मनै कितना दिन तो होगा थारै सागै रेह्ता पाछै बी फलिपूस तू हाल ताँई कोनी जाण सक्यो क, म कूण हूँ? जखो बी मनै देख्यो ह बो बापनै बी देख्यो ह अर तू बोलै ह क, म्हानै बाप का दरसण करा दे।
ईसु बिकी बात सुणर बोल्यो, “अरै भेम करबाळो मिनखो, म कद ताँई थारै सागै रेहस्युं? अर थानै भोगस्युं? बि छोरानै मेरै कनै ल्याओ।”
ईसु बिकी बात सुणर बोल्यो, “अरै भेम करबाळो अर कुटिचर मिनखो, म कद ताँई थारै सागै रेहस्युं? अर थानै भोगस्युं? बि छोरानै मेरै कनै ल्याओ।”
अर बिकै जरिए जखो बी परमेसर क कनै जावै ह, बाको बो पूरो-पूरो छुटकारो कर सकै ह। क्युं क बो बाकै ताँई अरदास करबा ताँई सदाई जिंदो ह।
जणा आओ आपा बि अराम हाळी झघा म बड़बा ताँई पूरी कोसिस करां, क्युं क कदै अंय्यां नइ होवै क आपणा बा बडका की जंय्यां परमेसर का हुकमानै नइ मानबा की बजेऊँ बि अराम हाळी झघा म जाबाऊँ चूक ज्यावां।
क्युं क आपानै बी आपणा बडका की जंय्यांई चोखो समचार सुणायो गयो ह पण बानै बि समचारऊँ क्युंई फाईदो कोनी होयो क्युं क बे बि समचारनै तो सुण्यो पण बिपै बिस्वास कोनी कर्यो।
अर आपा देख सकां हां क बे मिनख भेम की बजेऊँई बठै कोनी बड़ सक्या।
थे बिकी दया अर बिकी सहनसिलता अर बिका थ्यावसनै ख्याई जोगो कोनी समजो के? तू सचमई जाणै ह क परमेसर की दया तनै पापऊँ मन फिराबा कानि लेज्यावै ह।
अर करीब चाळिस बरसा ताँई बो बानै उजाड़ म बरदास करतो रिह्यो।
पतरस ओर बी बोळी बाता बोलर बानै चेतायो। अर अरदास कर बोल्यो, “इ कुटिचर पिडी प पड़बाळा न्यायऊँ खुदनै बचाओ।”
जणा बो बाऊँ बुज्यो, “कठै गयो थारो बिस्वास?” पण बे ईसु अर बिकाळी सक्तिऊँ डरै हा अर जोक्यु बो कर्यो बिपै ताजूब करर्या हा। अर आपसरी म बतळार्या हा, “ओ कूण ह? जखो भाळ अर पाणी दोन्या प हुकम चलावै, अर बे इको खयो करै।”
इ जुग की बुरी अर कुकरमी पिडी ईस्बर नगरी की सेलाणी माँगै ह। पण योना की बातानै छोडर कोईबी सेलाणी कोनी दिखाई ज्यासी।”
पण ईसु बाऊँ बोल्यो, “इ जुग की बुरी अर कुकरमी पिडी ईस्बर नगरी की सेलाणी माँगै ह। पण म थानै खेऊँ हूँ योना परमेसर की खेबाळा की बातानै छोडर कोई सेलाणी आ लोगानै कोनी दिखाई ज्यासी
जद बो देख्यो क बोळासारा फरिसी अर सदुकी पाणी को बतिस्मो लेबा ताँई बिकन आर्या हीं, जणा बो बाऊँ बोल्यो, “अरै सपोलो, परमेसर की सजाऊँ थे बच सको हो इ बात क बारां म थानै कूण बता दिओ?
ईसु बिकी सुणर डटगो अर ओडायो, “बिनै मेरै कनै ल्याओ।” अर बे लोग बी आँदानै बुलाया अर बिनै बोल्या, “राजी हो अर खड़्यो हो तनै ईसु बुलावै ह।”
ईसु झाळ्या म भर'र चेलानै ओडायो, “थे टाबरानै मेरै कनै आबा द्यो। अर आ टाबरानै मना नटो, क्युं क परमेसर को राज आ जंय्यां कोई ह।”
म थानै सची बोलुँ हूँ अ सगळी बाता की सजा इ पिडी का मिनख भोगसी।
जणा बा जार खुदऊँ बी सात बुरी ओपरी बलायानै आपकै सागै कर बिकै मांयनै बड़ जावै। अर बि आदमी की दसा पेलड़ीऊँ घणी बुरी होज्यावै। इ जुग का मिनखा की दसा बी अंय्यांई होसी।”
ईसु बाऊँ बोल्यो, “हे आखता होयड़ो अर बोजऊँ दबेड़ा मिनखो मेरै कनै आओ म थानै अराम देस्युँ।
म थाकाळा चेलाऊँ अरदास करी क बिमैऊँ बिनै काड दे पण बाऊँ तो पार कोनी पड़ी।”
जद बो छोरो आर्यो हो जणा बिच मई बा सूगली ओपरी बलाय बिनै रोड़ली अर मरोड़ी देर जमीन प दे मारी। जणा ईसु जोरऊँ बि बलायनै दकालर बि छोरा मऊँ बिनै काड दि। अर छोरानै राजी-खुसी बिका बापनै समळा दिओ।