3 अर बो बानै खयो, “गेला ताँई थारी जुर्त को क्युंई समान मना ल्यो नइ तो लाठी नइ झोळो, नइ रोटी-टुक, नइ रिपीआ अर नइ पेरबा ताँई न्यारा कुर्ता।
इकै पाछै बो आपका चेलाऊँ बुज्यो, “म जद थानै बिना बटूआ, झोळा अर चपल्या क भेज्यो जणा थानै क्युं चिज की कमी पड़ी ही के?” बे कह्या, “ख्याकीई कमी कोनी होई।”
एक सिपाई जद खुदका काम म लाग्यो रेह्वै ह जणा बो खुदऊँ उपला अधिकार्यानै खुदका कामाऊँ राजी राखबो चावै ह अर इ बजेऊँई बो खुदनै दुसरा झंझटामै कोनी गेरै।
जणा ईसु आपका चेलाऊँ बोल्यो, “थे थारा जीव की चिंत्या करबो छोडद्यो क थे काँई खास्यो अर किऊँ थारी कायानै ढकस्यो?
बो बोल्यो, “जिकनै दो कुर्ता हीं बे बिकै सागै बाट ले जिकनै कोनी। अर जिकनै रोटी ह बो बी अंय्यांई करै।”
ओ थोड़ो बिस्वास राखबाळो जंगल म उगबाळी घास जखी आज ह अर तड़कै बाळी जासी बिनैई परमेसर चोखा गाबा पिरावै। जणा पाछै बो थानै इऊँ कत्ताई चोखा गाबा क्युं कोनी पिरासी?
इपै लेवी ईसु क सनमान म एक दावत दि अर बि दावत म चुंगी लेबाळा अर दुसरा मिनखा की चोखी भीड़ होरी ही। जखा बिकै सागै रोटी खाबा बेठ्या हा।
ईसु आपका बारा चेलानै आपकै कनै बुलायो। अर बो बानै दो-दो जणानै बारनै भेजबा लाग्यो अर बो बानै सूगली ओपरी बलायानै काडबा को अधिकार दिओ।
थानै जि घर म आदरमानऊँ बुलायो जावै, जणा थे बि घर मई रेहज्यो जद ताँई की थे बा नगरी नइ छोड द्यो।