9 बिका चेला बिऊँ बुज्या, “इ मिसाल को काँई मतबल ह?”
जद ईसु एकलो हो जणा बिका कनै का मिनख बा बारा चेला क सागै बिऊँ मिसाल क बारां म बुजबा लाग्या
“बीज हाळी मिसाल को भेद सुणो।
चेला ईसुऊँ बुज्या, “थे लोगाऊँ मिसाल देरई बाता क्युं करो हो।”
म इबऊँ थानै दास कोनी खेऊँ, क्युं क दास कोनी जाणै क बिको मालिक काँई करै ह। पण म थानै भाईला खेस्युं, क्युं क म थानै बे सगळी बाता बता दिनी ह जखी म परम-पिताऊँ सुणी।
बिना मिसाल देर क्युंई कोनी सीखातो हो पण जद बो आपका चेला क सागै एकलो होतो जणा बो बानै सगळी बाता को भेद समजाया करतो हो।
पतरस बोल्यो, “गरूजी म्हानै बि सूगलो करबाळी बात की मिसाल को मतबल समजाओ।”
इकै पाछै ईसु बि भीड़नै बिदा कर घरा चलेगो। जणा बाका चेला बाऊँ बोल्या, “गरूजी म्हानै खरप्तवार बीज की मिसाल को मतबल समजाओ।”