7 अर क्युंक झाड़्या म जार पड़्या अर झाड़ी बाकै सागै बढर बानै दाब दिनी।
अर जखा बीज झाड़्या म पड़्या बिको मतबल ओ ह की बे मिनख जखा बचननै सुणी पण जद बे बापै चाली जणा चिंत्या, धन-दोलत अर जिंदगी का मजा बानै दबा देवै ह जिऊँ बे सूल कोनी फळै।
“इ ताँई चेता म रेह्वो, कदै अंय्यां नइ होज्या क थे तो लाग्या रेह्वो पीबा-खाबा अर आटा चून की चिंत्या म अर बो दिन थार प फंदा की जंय्यां आ पड़ै।
अर क्युंक झाड़्या म जार पड़्या अर झाड़ी बाकै सागै बढर बानै दाब दिनी। जिऊँ बे कोनी फळ्या।
अर जखा बीज झाड़्या क मांयनै पड़्या अ बा मिनखानै परगट करै जखा परमेसर का बचन सुणै तो हीं पण इ दुनियादारी की चिंत्या अर धन-दोलत को लालच परमेसर का बचनानै भूला देवै ह क परमेसर बाऊँ काँई चावै ह।
अर क्युंक झाड़्या म जार पड़्या अर झाड़ी बाकै सागै बढर बानै दाब दिनी।
अर क्युंक कांकरा म जार पड़्या बे उग्या तो सई पण नमी नइ मिलबा की बजेऊँ बळगा।
अर क्युंक उपळी माटी प पड़्या अर बे सो गुणा फळ्या।” अत्तो खेताई बो जोरऊँ हेलो मार'र खयो, “जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।”