6 अर क्युंक कांकरा म जार पड़्या बे उग्या तो सई पण नमी नइ मिलबा की बजेऊँ बळगा।
कांकरा प पड़बाळा बीज बे हीं जखा बचन सुणर बिनै राजी होर मानली। पण बाकै मना म बो गेराई कोनी पकड़ै बे थोड़ी देर ताँई बिस्वास करीं पण जद बानै बिचास्यो जावै जणा बे ओटा सरक ज्यावै।
जंय्यां क बोल्यो बी गयो ह, “ज थे आज बिकी उवाज सुणो, जणा थे थारा हियानै काठो मना करज्यो, जंय्यां की बगावत की टेम म कर्या हा।”
“एक बर एक किसान हो बो बीज बोबानै गयो। जद बो बीजानै फेक्यो जणा क्युंक बीज गेला क सारै पड़्या जखा पगा क तळै आर मसळ्या गया। अर चिड़कल्या बानै चूगलेगी
अर क्युंक झाड़्या म जार पड़्या अर झाड़ी बाकै सागै बढर बानै दाब दिनी।