27 जंय्यांई बो किनारा प उतर्यो, बानै बि नगरी को एक आदमी मिल्यो जिमै ओपरी बलाया ही जि बजेऊँ कई दिनाऊँ नइ तो बो गाबा पेर्या अर नइ घरा रिह्यो बो तो मूसाणा क मांयनै रेह्तो।
सगळा सिरीया देस म बिकी चरचा फेलगी अर लोग सगळा रोगलानै जखा भात-भात का रोगाऊँ रोगला हा, जखा पिड़ा म पड़्या हा, फेंट होईड़ा, जामै दोरा आता हा अर हवा भेयड़ा मिनखानै बिकन ल्याया अर बो बा सगळानै निरोगो कर दिओ।
बे ईसु कनै आर देख्या जणा बो मिनख जिमै बे नुगरी-आत्मा ही बो पूरा गाबा पेर्या अर सतूना म बेठ्यो हो। अर बे बिनै देखर डरग्या।
अर बे गलिल क परलै नाकै गिरासेनिया नाम का परदेस म न्यावऊँ पुग्या।
ईसुनै देखर बो बिका पगा म पड़गो अर जोर-जोरऊँ बार घालतो बोल्यो, “थारो म्हारो काँई लेणदेण? ओ परमपिता परमेसर का बेटा ईसु म थारै हात जोड़ूँ मनै दिन मना घालै।”