जिऊँ थे परबु जंय्यां चावै ह बंय्यां जी सको अर हर बाता म सदाई परबु मसीनै राजी राख सको। थारै जीवन म भला कामा का फळ लागै अर थे परमेसर का ज्ञान म दिन-दिन बढता रह्यो।
पण इब थानै पाप का बंदणाऊँ छुटा लिओ गयो ह, अर थे परमेसर का दास बणगा हो, जणा जखी खेती थे काटर्या हो बा थानै पबितरता म लेज्यावै ह जिको आखरी फळ अजर-अमर जीवन ह।
क्युं क आ परमेसर की दयाई ह क थे बिपै बिस्वास कर्या जणा थानै बचा लिओ गयो। अर ओ थारा करमा की बजेऊँ कोनी पण परमेसर का दान की बजेऊँ होयो ह। जिऊँ इकै बारां म कोई फांप कोनी मार सकै।