जंय्यां क थे जाणोई हो क परमेसर, कंय्यां पबितर आत्मा अर सक्तिऊँ ईसु नासरी को अभिसेक कर्यो। बो च्यारूमेर जार भलाई करतो अर सेतान का सतायड़ा सगळानै निरोगो करतो क्युं क परमेसर बिकै सागै हो।
ईसु नगरी-नगरी गाँव-गाँव जार अरदास करबाळी झघा म सीखातो हो अर परमेसर क राज क बारां म चोखा समचार को हेलो पाड़तो, लोगा का रोगनै दूर करतो होयो फिर्या करतो हो।