7 इ बजेऊँई तो म खुद थारै कनै आबा की कोनी बिचारी। पण थे तो बस खे द्यो, मेरो दास निरोगो होज्यासी।
आ देखर देखबाळा ताजूब करबा लाग्या अर सगळा आपसरी म बतळाबा लाग्या क, “ओ काँई बचन ह? अधिकार अर सक्ति क सागै ओ मिनख सूगली ओपरी बलायनै हुकम देवै अर बे निकळर भाग ज्यावीं।”
इ बातऊँ सगळा मिनख चोरंगा होगा। अर आपसरी म बुजबा लाग्या, “आ बेधड़क सीखाबाळी नई सीख काँई ह? अर ओ सूगली ओपरी बलायनै बी अधिकार क सागै ओडावै ह, अर बे इको खयो मानै ह।”
जणा ईसु बिपै हात धर बिऊँ खयो, “म चाऊँ हूँ क तेरो कोढ धुपज्या।” अत्तो खेताई बिको कोढ धुपगो।
जणा बे बाकै सागै होलिआ। पण जद बे बिकाळा घरा क सांकड़ै लाग्याक बि टेम बो सुबेदार क्युंक भाईला क हात आ खुवा भेजी क, “परबु म अत्तो बडो आदमी कोनी, क थे मेरी छात क तळै आओ।
म खुद दुसरा क तळै काम करबाळो आदमी हूँ अर मेरै तळै बी सिपाईड़ा काम करीं हीं, अर जद म बामैऊँ एकनै ओडाऊँ क, ‘तू जा’ जणा बो चल्यो जावै अर दुसरानै ओडाऊँ क, ‘आ’ जणा बो आज्यावै, अर जद म मेरा दासऊँ खेऊँ हूँ क, ‘अंय्यां कर’ जणा बो बंय्यांई करै ह।”