एक रात बो ईसु कनै गयो अर बिऊँ बोल्यो, “गरूजी, म्हें जाणा हां क म्हानै सीखाबा ताँई परमेसर तनै भेज्यो ह। अर ज परमेसर थारै सागै नइ होतो तो थे चमत्कार कोनी कर सका हा।”
आ देखर ईसुनै मिजमानी घालबाळो फरिसी आपका हिया म बिचार्यो, “ज ओ परमेसर की खेबाळो होतो जणा जाण ज्यातो क आकै हात अड़ाबाळी आ कूण ह? अर कंय्यांकी ह? ओ जाणज्यातो क आ पापण ह।”