39 आ देखर ईसुनै मिजमानी घालबाळो फरिसी आपका हिया म बिचार्यो, “ज ओ परमेसर की खेबाळो होतो जणा जाण ज्यातो क आकै हात अड़ाबाळी आ कूण ह? अर कंय्यांकी ह? ओ जाणज्यातो क आ पापण ह।”
आ बातानै देख बे सगळा मिनख डरग्या अर ईस्बर को गुणगान गाबा लागगा। बे कह्या, “आपणै मांयनै एक बडो परमेसर की खेबाळो परगट होयो ह। परमेसर आपका मिनखानै बचाबा आयो ह।”
जणा फरिसी अर सास्तरानै सीखाबाळा आपसरी म बड़बड़ाबा लाग्या, “ओ तो पाप्याऊँ मिलै अर बाकै सागै खावै।”
मिनख क हियाऊँ बुरा-बुरा बिचार, कुकरम, चोरी, हत्या,
दुसरका बे, बि मिनखनै बुलाया जखो जलमऊँ आँदो हो अर बिऊँ बोल्या, “तनै आँख्या मिली इ ताँई परमेसर की जे-जैकार कर! बि मिनख को नइ क्युं क म्हें जाणा हा बो मिनख पापी ह।”
अर भीड़ बी बिकै बारां म कानाफुसी करबा लागरी ही। क्युंक बोलर्या हा क, “बो चोखो मिनख ह।” क्युंक बोलर्या हा, “नइ, बो तो मिनखानै भंगरावै ह।”
बा लूगाई ईसुनै बोली, “म्हराज मनै तो लागै ह क थे कोई परमेसर की खेबाळा हो।
कई दिना ताँई तो बो बिकी सुणाई कोनी कर्यो। पण हार'र आपका मन म सोची, ‘म नइ तो परमेसरऊँ डरूँ अर नइ कोई मिनख की परवा करूं,
जणा बो भंडारी आपका मना मई बोल्यो, ‘आ तो गड़बड़ होगी इब म काँई करस्युं? क्युं क इब साऊकार मनै भंडारीपुणा प तो राखै कोनी अर तगारी मेरूँ गिरै कोनी, माँग के खाबा म मनै सरम आवै।
अर बि नगरी म एक पापण ही, बिनै जद बेरो पड़्यो क ईसु फरिसी क घरा मिजमानी खार्या हीं, जणा बा संगमरमर की एक बरनी म ईतर लेर आई।
जणा इब थारा करमाऊँ ओ बेरो पड़णो चाए क थे पाप करबो छोड दिआ हो। अर अंय्यां मना जताओ की म्हें अब्राहम की ओलाद हां। क्युं क म जाणू हूँ अर थारूँ बी बोलुँ हूँ परमेसर आ भाठाऊँ बी अब्राहम ताँई ओलाद पैदा कर सकै ह।
जणा बो आपका मन म सोचबा लाग्यो की, ‘नाजनै म कठै धरूँ। क्युं क मेर कनै तो इनै धरबा ताँई कोई झघाई कोनी।’
अंय्यांई जखा पिछै हीं बे आगै होसी अर जखा आगै हीं बे पिछै होसी।”
अर लोगई जुबाब देर्या हा, “ओ गलिल का नासरत को परमेसर की खेबाळो ईसु ह।”
बा बाकै गेलऊँ आर बाका पगा कनै खड़ी होगी। अर बा रोती जाय, अर आपका आसुआऊँ बाका पग धोती जाय, पग धोर आपका बाळाऊँ पगानै पु'छर पग पकड़ लिआ अर बि ईतरनै बिका पगा प उंदका दिनी।
जणा ईसु समोनऊँ खया, “समोन मनै तेरूँ क्युं खेणो ह।” इपै समोन खयो, “बोलो म्हराज।”