12 बे जंय्यांई नगरी का दरूजा प पुग्याक, जणा देख्या क बठिकी एक अरथी जारी ही, अर बो एक खाली होईड़ी को एकलोतो बेटो हो जि बजेऊँ नगरी का घणकराक बिका दाग म सामिल हा।
क्युं क बिकै बारा बरस की एक छोरी ही अर बा मरबाळी ही अर ईसु जद जार्या हा जणा भीड़ उपर-तळी बापै टूटर पड़री ही।
पण परमेसर अर परम-पिता की नजर्या म खरी अर पबितर भगती तो आ ह क अनाथ अर खाली होईड़ीनै बाकै दुख दरद म समाळै अर खुदनै इ दुनियादारीऊँ बेदाग राख।
जणा बो बिनै हात को सारो देर खड़्यो कर्यो अर परमेसर का मिनखा अर खाली होईड़ीयानै बुलार जीती जागती बानै सूप दि।
जणा पतरस त्यार होर बाकै सागै होलिओ अर बिकै बठै पुगताई बे बिनै चोबारा म लेग्या अर बे सगळी खाली होईड़ी बार घालती पतरस क च्यारूमेर खड़ी होगी अर बिनै बे कुर्ता अर गाबा दिखाबा लागगी जखा दोरकास जीता जी बणाई ही।
अर बोळा यहूदि मिनख मारथा अर मरीयमनै बाका भाई की मोत प तसली देबा आया हा।
अर जत्ता बी बठै हा बे जोर-जोरऊँ बार घालर रोर्या हा। ईसु बोल्यो, “रोओ मना आ मरी कोनी ह, आ सुती ह।”
इकै आगला दिन ईसु नाइन नाम की नगरी म गयो, जठै बाका चेला अर एक बडी भीड़ बाकै सागै होरी ही
जणा बि खाली होईड़ीनै देखर ईसुनै बिपै तरस आयो अर बे बिऊँ बोल्या, “रोवै मना।”