ईस्बर नगरी का बुलावा म पाँतीवाळ ओ मेरा पबितर बिस्वासी भाईड़ो, थे थारो ध्यान बि परमेसर का भेजेड़ा ईसु प जखो म्हायाजक ह अर जिनै म्हें माना हां बिपै लगाओ।
जंय्यां एक हेली निम प चिणी जावै ह, बंय्यांई थे परमेसर का भेजेड़ा चेला अर बिकी खेबाळा मिनखा की सीख की निम प सेलाणी हो। जिकै कूणा का सिरा को भाठो खुद मसी ईसुई ह।
जणाई तो परमेसर को ज्ञान बोलै ह, ‘म बाकन परमेसर की खेबाळा अर बानै भेजस्युं जखा भेजेड़ा खुवावीं हीं।’ अर बे बामैऊँ क्युंकनै तो मार देसी अर क्युंकनै दिन घालसी।
ईसु बानै खयो, “म थानै सची-सची खेऊँ हूँ, नया जुग म जद मिनख को बेटो मेमाभर्या सिंघासन प बेठसी जणा थे बी जखा मेरै गेल होलिआ हो बारा सिंघासना प बेठर इजरायल का बारा गोता को न्याय करस्यो।