1 अरामहाळा दिन ईसु अर बिका चेला ग्युंवा का खेता मऊँ जार्या हा, जणा बिका चेला हा जखा बाळ्या तोड़-तोड़ बानै हाताऊँ मसळता जाय अर बाको फांको मारता जाय।
अर पुराणी अँगूरी पीर कोई मिनख नई कोनी माँगै क्युं क बिनै बिमै घणो सुवाद आवै इ ताँई बो बोलै हनै, पुराणीई चोखी ह।”
दुसरा अरामहाळा दिन बो अरदास करबाळी झघा म परबचन देर्यो हो। अर बठै एक अंय्यां को मिनख आयो जिको दाइणो हात सूकेड़ो हो।