13 जणा ईसु बिपै हात धर बिऊँ खयो, “म चाऊँ हूँ क तेरो कोढ धुपज्या।” अत्तो खेताई बिको कोढ धुपगो।
अर ईसु बिकै सीराणै खड़्यो होर अधिकारऊँ बुखारनै उतरबा ताँई दकाल लगाई अर बुखार हात्युहात उतरगी। अर बा जदकी जदई खड़ी होर बाकी सेवा-पाणी करबा लागगी।
आ सुणर ईसु बिपै हात धर बिऊँ खयो, “म चाऊँ हूँ क तेरो कोढ धुपज्या!” अर जदकी जदई बिको कोढ धुपगो।
जद ईसु एक नगरी म हो, जणा बठै एक आदमी हो जिकै कोढ होर्यो हो, अर बो ईसुनै देखताई बिकै पगा म पड़गो अर हात जो'ड़र खेबा लाग्यो, “म्हराज, ज थे चाओ तो मेरो कोढ धो सको हो।”
जणा ईसु बिनै हुकम दिओ, “तू आ बात कोईनैई मना खिजे पण तू याजकनै दिखार मूसा का हुकम गेल जखो चढावो चढाबा ताँई बता राख्यो ह बो चढा जिऊँ लोगानै तेरै कोढ धुपबा को सबूत मिल सकै।”