33 बठै अरदास करबाळी झघा म एक मिनख हो जिमै एक सूगली ओपरी बलाय ही। बो जोरऊँ चिलाटी घाल्यो,
बा यहूदिआ का अरदास घर म एक मिनख हो जिकै मांय सूगली ओपरी बलाय ही अर बो चाणचुक्योई जोरऊँ बार घालर
बे बिका बचनाऊँ ताजूब करर्या हा क्युं क बो अधिकार क सागै सीख देतो हो।
“ओ ईसु नासरी थारो म्हारो काँई लेणदेण? तू के म्हानै नास करबा आयो ह? म तनै जाणू हूँ तू कूण ह? तू परमेसर को पबितर मिनख ह।”