29 बे खड़्या होर बिनै धकामार नगरी क बारनै डूँगरी की चोटी प लेग्या जि डूँगरी प बाकी नगरी बसेड़ी ही जिऊँ क बे बिनै खड़ी चोटीऊँ तळै पटक सकै।
जणा बे भाठा उठार बिनै मारबा ताँई त्यार होया, पण ईसु छानैसीक मनदरऊँ चलेगो।
इ ताँई, ईसु मिनखानै आपका लोयऊँ पबितर करबा ताँई नगरी क बारनैई दुख भोग्यो।
अर इब थे मनै मारबा की तक म हो क्युं क म थानै परमेसरऊँ सुणर सच बतायो। अब्राहम तो अंय्यां क्युंई कोनी कर्यो हो।
म जाणू हूँ क थे अब्राहम क कूणबा का हो, पण इब थे मनै मारबा की तक म हो, क्युं क थे मेरी सीख प कोनी चालो।
जत्ता बी अरदास करबाळी झघा म हा बे अ बाता सुणर झाळ्या म भरगा।