26 पण सैदा नगरी का सारला गाँव सारपत की एक खाली होईड़ीनै छोडर एलिआनै बामैऊँ ओर कोईसा कनै कोनी भेज्यो गयो।
“खुराजीन अर बेतसदा म रेह्बाळा मिनखा प हाय ह अत्ता-अत्ता ताजूब का काम आ नगर्या म कर्या गया, ज अ काम सूर अर सैदा नगर्या म कर्या जाता जणा बठै का मिनख बोरी का गाबा पेर'र खुद प राख बुरकार, कदकाई दिखा देता क बे पापऊँ तौबा कर लिआ हीं।