21 जणा बो बाऊँ बोल्यो, “आज सास्तर म मंडेड़ा अ बचन पूरा होया जंय्यां की थे सुणर्या हो।”
पण इ बातनै परमेसर बोळी पेल्याई परमेसर की खेबाळा क मुंडाऊँ खुवा दिओ हो, क मसी पिड़ा भोगसी जणा परमेसर बानै अंय्यांई पूरी कर्यो।
बाकै ताँई परमेसर की खेबाळा यसाया की बाता सई साबित होई: “थे सुणस्यो अर सुणताई रेहस्यो पण थारै समज म क्युंई कोनी आसी। थे देखता रेहस्यो पण थानै क्युंई कोनी सुजसी।
थे पबितर सास्तर का आंक बाचो हो, क्युं क थे सोचो हो क आ आंका म थानै अजर-अमर जीवन मिलसी। पण अ आंक बी मेरै बारां मई मांडेड़ा हीं।
इकै पाछै बो पोथी बंद कर बा तो दे दि बि सेवकनै, अर खुद निचै बेठगो। अर जत्ता बी बठै हा बा सगळा को ध्यान बिपैई हो।
सगळा बिकी वाह-वाई करर्या हा। अर बिका मुंडाऊँ निकळबाळा दयाऊँ भरेड़ा बचना प ताजूब करर्या हा। अर बोलर्या हा, “के ओ युसूफ को छोरो कोनी?”