19 अर बि टेम को हेलो पाड़ूँ जिमै परमेसर आपका मिनखानै बचासी।”
अर बोल्यो, “ज तू आज आ जाणतो क तनै स्यांती किऊँ मिलसी! पण हाल बिनै तू तेरी आँख्याऊँ कोनी देख सकै!
परमेसर का संगी होबा क नातै म्हें थानै समजावां हां क परमेसर की दया थार प होई ह बिनै बेकार मना जाबाद्यो।