पण जक्कई ह जखो भापड़ो खड़्यो होर परबुऊँ बोल्यो, “ओ म्हराज मेर कनै जत्ती बी धन-दोलत ह बिको आदो म गरीबा म बाट देस्युँ अर ज बेईमानीऊँ कोई भाईड़ा को क्युं बी दाब लिओ हो जणा म बिको बिनै चोगुणो पाछो दे देस्युँ।”
अंय्यांई बूडी-ठेरी लूगायानै बी सीखा क बे पबितर मिनखा की जंय्यां बरताव करबाळी हो। बे चुगली-चाळा करबाळी नइ हो अर नइ बामै पीबा की लत हो। पण बे चोखी सीख देबाळी हो।
जिऊँ थे इ जगत म रेह्बाळा कुटिचर अर पापी मिनखा म परमेसर का खरा अर बिना बलेम हाळा सायर टाबर बण सको। अर आसमान म तारा जंय्यां चिलकै ह बंय्यां थानै बी जगत का मिनखा म चिलकणो चाए,