13 बो बानै ओडायो, “जत्तो थानै बताएड़ो ह बिऊँ बेत्ती मना लिज्यो।”
चोर लूटेरा, लालची, दारूखोर्या, भिड़ाबाळा, अर ठग परमेसर का राज का वारिस कोनी होसी।
पण जक्कई ह जखो भापड़ो खड़्यो होर परबुऊँ बोल्यो, “ओ म्हराज मेर कनै जत्ती बी धन-दोलत ह बिको आदो म गरीबा म बाट देस्युँ अर ज बेईमानीऊँ कोई भाईड़ा को क्युं बी दाब लिओ हो जणा म बिको बिनै चोगुणो पाछो दे देस्युँ।”
जखा चोरी करीं हीं बानै चोरी करनी छोडर भला कामा म मेनत कर खुद ताँई कमाणो चाए अर गरीबानै दान देणो चाए।
इ ताँई थे मिनखाऊँ बंय्यां को बरताव करो जंय्यां को थे बाऊँ चाओ हो। क्युं क ओ नेम-कायदा अर परमेसर की खेबाळा क जरिए परमेसर दिओ ह।
इ ताँई आपणै च्यारूमेर गुवाया की भीड़ ह जणा आओ रोड़ो गेरबाळी हरेक चिजानै, उळजाबाळा पापनै दूर करर बा दोड़ जिमै आपानै दोड़णो ह थ्यावस क सागै दोड़ां।
चुंगी लेबाळा बी बिकन पाणी को बतिस्मो लेबा आया अर बिऊँ बुज्या, “म्हानै काँई करबो चाए म्हराज?”
सिपाईड़ा बी बिऊँ बुज्यो, “म्हें काँई करां?” बिको जुबाब ओ हो क, “थे पिसा ताँई मिनखानै मना डराज्यो बस थारी तनखा म राजी रेहज्यो अर कोई प झूठो दोस मना लगाज्यो।”