41 पण बे खुसी अर ताजूब क मार्या हाल ताँई बिपै बिस्वास कोनी कर सक्या, जणा बो बानै बुज्यो, “थारै कनै खाबा ताँई क्युं ह के?”
जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “भाईड़ो, थारै कनै मछ्या ह के?” बे बोल्या, “कोनी।”
ठिक बंय्यांई थे सगळा बी दुखी हो पण म थारूँ ओज्यु मिलस्युं जणा थारा हिया राजी होसी अर थारी खुसी थारूँ कोई कोनी खोससी।
अर बे बिकी इ बातनै सुणर क बो ओज्यु जिंदो होगो ह अर बिनै दिख्यो ह बे बिकी बाता प बिस्वास कोनी कर्या।
बे पाछा आर ओरानै इ बात को समचार दिओ पण बे बाको बी बिस्वास कोनी कर्यो।
इकै पाछै रोटी खाबा की टेम ईसु बा ग्यारा चेलानै बी दिख्यो। ईसु बाका भेम अर हिया की कल्डाई प बानै दकाल्यो। क्युं क बे ईसु क जिंदो होबा को समचार देबाळा की बाता प बिस्वास कोनी कर्या।
पण बाकी बाता बानै फांप लागी अर बे बाकी बाता प भरोसो कोनी कर्या।
अंय्यां बोलर बो बानै आपका हात-पग दिखाया।
बे बिनै भुंदेड़ी मछी को टुक दिओ।
पतरस की उवाज पिछाणर बा कुआड़ तो खोली कोनी पण राजी होर पेली मांयनै गई अर सगळानै खे सुणाई क पतरस बारना म खड़्यो ह।
बाकन थोड़ीसिक मछी बी ही ईसु बानै बी लिओ अर परमेसरनै धनेवाद देर चेलानै दिओ अर चेला मिनखानै देता गया।