5 इ बात प बाकै तो घी का दिआ जळगा क्युं क बे तो आई चावा हा अर बे इकै बदला म बिनै रिपीआ देबा की बात बोली।
बापै स्यामत पड़सी! अ मिनख तो कैन की जंय्यांई बुराई का गेला प चालीं हीं, अर अ धन का लालच म बिलाम की जंय्यांई पाप करीं हीं। अ मिनख परमेसर क सामै होगा हीं जंय्यां कोरह होयो हो। जणा आ सगळी बाता बेई आको बी नास कर्यो जासी।
अ सई गेलानै छोडर भटकगा हीं। अ मिनख बओर का छोरा बिलाम का गेला प चालीं हीं; बिलाम जिनै हराम की कमाई प्यारी ही।
अर बे लालची होबा की बजेऊँ थानै दिखावटी बाता बोलर थारूँ धन कमासी। अर बाकी सजा तो पेल्याऊँई परमेसर ते कर राखी ह। अर बाको नास बानै उडिकर्यो ह।
जणा पतरस बोल्यो, “तेरा रिपीआ बी तेरै सागै नास होज्यावै क्युं क तू परमेसर का बरदाननै रिपीआऊँ मोल लेबो चावै ह।
बो आपकी पाप की कमाईऊँ एक खेत मोल लिओ, अर बो सीरवाणी पड़्यो जिऊँ बिकी काया पाटगी अर बिका सगळा आंतड़ा-ओजड़ा बारनै आ पड़्या।
अर बो मनदर का परधान याजक, अधिकार्या अर सिपाईड़ा कनै जार बाऊँ ईसुनै कंय्यांसिक पकड़ाऊँ इपै बतळायो।
यहूदा इ बात म आपकी हामी मिलादि अर मोका की फिराक म रेह्बा लाग्यो क ओ कद भीड़ऊँ न्यारो होवै। अर म इनै धोकाऊँ पकड़ाऊँ।