7 जणा बे बिऊँ बुज्या क, “गरूजी अ बात कद घटसी? अर अ बाता जखी होबाळी ह बाकी काँई सेलाणी होसी?”
जद थे उजाड़बाळी सूगली चिजानै जठै नइ होणी चाए ही बठै देखो (बाचबाळो खुदई जाणले इको मतबल काँई ह?) जणा जखो यहूदिआ म होवै, बानै डूँगरा म भाग जाणो चाए।
म थानै साची खेऊँ हूँ, जद ताँई अ सगळी बाता नइ होवीं जद ताँई इ पिडी को अंत कोनी होवै।
जद ईसु जेतून की डूँगरी प बेठ्यो हो जणा चेला एकला म आर बाऊँ बोल्या, “म्हानै बता अ बाता कद घटसी। तेरै आबा अर इ दुनिया का अंत को काँई सेलाणी होसी?”
“बे दिन बी आसी जामै थे जोक्यु बी देखर्या हो बामै एक भाठा प भाठो बी कोनी टिक्यो रेह्सी। बा सगळानै ढाह दिओ जासी।”
ईसु बोल्यो, “चोकन्ना रेहज्यो कदै कोई थानै भंगर्या म नइ गेर दे, क्युं क मेरा नामऊँ बोळा आसी अर खेसी बे मसी हीं, अर बा घड़ी आगी ह। पण थे बाकै गेल मना होज्याज्यो।