ईसु बिऊँ बोल्यो, “म हर बार दुनिया का मिनखा म खुलर बोल्यो हूँ। म अरदास करबाळी झघा अर मनदर म जठै सगळा मिनख भेळा होवीं हीं सीखायो हूँ। म कदैई ओला म कोनी बोल्यो।
बि टेमई ईसु भीड़नै खेबा लाग्यो, “म कोई डाकू हूँ के जखो थे मनै पकड़बा ताँई तलवार अर लाठ्या लेर आया हो? म रोजकी मनदर म रेह्तो अर सीख देतो हो जणा तो थे मनै कोनी पकड़्या।