20 अर बे गुवाळ्या जंय्यां की बाऊँ बोल्यो गयो हो बंय्यांई सगळी बातानै देखर परमेसर को गुणगान करता पाछा चलेग्या।
अ बाता सुणर बे बिऊँ जिरै करबो बंद कर दिओ अर सगळा परमेसर की आ खेर बडाई करबा लागगा की, “परमेसर गैर-यहूदि मिनखानै बी सचो जीवन जीबा ताँई पापऊँ मन फेरबा को दान दिओ ह।”
जणा अत्ती खेताई बो देखबा लागगो अर परमेसर की बडाई करतो बिकै गेल होलिओ। देखबाळा आ देखर परमेसर को गुणगान गाबा लागगा।
लोग आ देखर डरग्या। बे परमेसर की जे-जैकार करबा लाग्या क बे मिनखनै ताजूब का काम करबा को हक दिओ ह।
अर बो मिनखा म परचार करतो हो क, “मेरै पाछै एक जणो आर्यो ह। बो मेरूँ बोळो म्हान ह, अर म तो बिकाळा जूता का सळू खोलबा जोगोई कोनी