5 जद ईसु बि दरख्त क कनै पुग्यो जणा बो बठै खड़्यो होर उपरनै देखर जक्कईऊँ बोल्यो, “जक्कई बेगोसो तळै उतर्या क्युं क आज म तेरै घराई बासो लेस्युं।”
सुण, म बारना प खड़्यो-खड़्यो खुड़काऊँ हूँ। ज कोई मेरो हेलो सुणर कुआड़ खोलसी, जणा म मांयनै जार बिकै सागै खाणो खास्युं अर बो मेरै सागै।
ईसु बिऊँ बोल्यो, “जखा मेरूँ परेम करी हीं, बे मेरा खयानै मानसी। परम-पिता बाऊँ परेम करसी अर म्हें आर बाकै सागै रेहस्यां।
अर अणजाण की आवभगत करबो मना भूलज्यो, क्युं क अंय्यां करर कई मिनख अणभोळ म ईस्बर नगरी दुता की आवभगत करीं ह।
नतनएल ईसुऊँ बुज्यो, “थे मनै कंय्यां जाणो हो?” ईसु बिऊँ बोल्यो, “फलिपूसनै बुलाबाऊँ पेली, म तनै अंजीर का दरखत क तळै देख्यो हो।”
अर थारा बिस्वास क जरिए मसी थारा हिया म बास करतो रेह्वै, थे थारै मांय प्यार-परेम की जड़ पकड़र बिपै निम धरल्यो।
क्युं क मिनख को बेटो गुमेड़ानै ढुंढबा अर बानै बचाबाई धरती प आयो ह।”
परमेसर का संगी होबा क नातै म्हें थानै समजावां हां क परमेसर की दया थार प होई ह बिनै बेकार मना जाबाद्यो।
जणा बठै जक्कई नाम को एक मिनख हो जखो चुंगी लेबाळा को सरदार हो अर बो पिसाळो हो।
जणा बो ईसुनै देखबा ताँई भीड़ऊँ अगाऊ भागर ईसु, जि गेलाऊँ जाबाळो हो बि गेला म एक अंजीर का दरख्त प जार चढगो।
जणा जक्कई बेगोसोक दरख्तऊँ तळै उतर्यो, अर बानै राजी-राजी आपकै घरा लेगो।