44 बे तनै अर तेरा टाबरानै धूळ म मिला देसी। अर तेरै मांयनै भाठा प भाठोई कोनी छोडसी। क्युं क तू बि टेमनै कोनी जाण्यो जद परमेसर तनै बचाबा आयो।”
“बे दिन बी आसी जामै थे जोक्यु बी देखर्या हो बामै एक भाठा प भाठो बी कोनी टिक्यो रेह्सी। बा सगळानै ढाह दिओ जासी।”
परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनख थानै बुरा बतावीं हीं। इकै वावजुद बी बाकै मांयनै थारो बरताव अर चाल-चलन चोखो राखो। जिऊँ जखी चोखी बाता बे थारै म देखसी बा बेई बे न्यायहाळा दिन परमेसर की मेमा करसी।
अर बोल्यो, “ज तू आज आ जाणतो क तनै स्यांती किऊँ मिलसी! पण हाल बिनै तू तेरी आँख्याऊँ कोनी देख सकै!
“इजरायल का परबु परमेसर की जे हो क बे आपका मिनखा प निगा करी अर बानै छुटायो।
ईसु बानै बोल्यो, “थे इ हेलीनै खड़ी देखो हो? म थानै सची बोलुँ हूँ अठै एक भाठो बी कोनी रेह्सी। सगळा भाठा ढा दिआ जासी।”
अर आपणा परमेसर की बडी दयाऊँ आपणा प छुटकारो देबाळो एक उगता सूरज का च्यानणा की जंय्यां ईस्बर नगरीऊँ चिलकसी।
ईसु बिकी इ बातनै सुणर बिनै बोल्यो, “के तू इ बडीसारी हेलीनै देखै ह? अठै एक बी भाठो कोनी रेह्सी सगळा भाठा ढा दिआ जासी।”