26 मालिक बोल्यो, ‘म थानै बोलुँ हूँ जिकनै ह बिनै ओर दिओ जासी अर जिकनै कोनी बिऊँ जोक्यु बिकन ह बो बी पाछो खोस लिओ जासी।
इ ताँई थे खुद समळर रेहज्यो जिऊँ थे बिनै जिकै ताँई म्हें बोळी मेनत कर्या हा गुमा नइ द्यो पण पूरो-पूरो इनाम पाओ।
इ ताँई चेता म रेह्ओ जिकनै ह बिनै ओर दिओ ज्यासी अर जिकनै कोनी बिऊँ जोक्यु ह बो बी ले लिओ जासी।”
“इ ताँई म थारूँ खेऊँ हूँ, परमेसर को राज थारूँ खोस लिओ ज्यासी अर बा मिनखानै दे दिओ ज्यासी जखा बिकै खया गेल बरताव करै ह।
जिकनै ह बिनै ओर दिओ जासी, अर जिकै कनै कोनी बिऊँ जोक्यु बिकन ह बो बी ले लिओ जासी।
जिकनै ह बिनै ओर दिओ जासी, अर जिकै कनै कोनी बिऊँ जोक्यु बिकन ह बो बी ले लिओ जासी।”
तू थ्यावस राखै ह, अर मेरा नाम की बजेऊँ दुख भोगतो भोगतो बी थक्यो कोनी।
म तावळोई आबाळो हूँ। इ ताँई जोक्यु बी तेरै कनै ह बिनै थाम्यो राख जिऊँ कोई तेरो अजर-अमर जीवन को मुकट कोनी खोस सकै।
जणा बो भंडारी आपका मना मई बोल्यो, ‘आ तो गड़बड़ होगी इब म काँई करस्युं? क्युं क इब साऊकार मनै भंडारीपुणा प तो राखै कोनी अर तगारी मेरूँ गिरै कोनी, माँग के खाबा म मनै सरम आवै।
अर भजना की पोथी म अंय्यां मंडर्यो ह, ‘बिको घर उजड़ जावै, अर बिमै कोई कोनी बसै।’ अर अंय्यां बी मंडर्यो ह की ‘बिको ओदो कोई दुसरो लेले।’
आ सुणर बे बोल्या, ‘मालिक इकन तो पेलीऊँ दस म्होरा हीं।’