13 जाबाऊँ पेल्या बो आपका दस दासानै बुलाया, अर बुलार बानै एक-एक सोना की म्होर दिनी अर बोल्यो, ‘म जि दिन ताँई पाछो नइ आऊँ बि दिन ताँई आऊँ लेणदेण करज्यो।’
जखो बी मेरी सेवा करबो चावै ह, बिनै मेरै गेल चालनो पड़सी जिऊँ क मेरा दास मेरै सागैई रेह्वै। जखो मेरी सेवा करसी, बानै मेरो परम-पिता मान देसी।
म, समोन जिको नाम पतरस बी ह, जखो परबु ईसु मसी को दास अर भेजेड़ो चेलो हूँ। आ चिठी बा मिनखानै मांडूँ हूँ जखा आपणा परमेसर अर छुटकारो देबाळा ईसु मसी की धारमिक्ता की बजेऊँ आपणी जंय्यांई बिस्वास करीं हीं।
म परमेसर अर परबु ईसु मसी को दास याकूब, इजरायल का बारा कूणबा का बिस्वास्यानै नमस्कार मांडूँ हूँ, जखा तीनतेरा होगा।
के म मिनखाऊँ मंजुरी लेबो चाऊँ? मनै इकी जुर्त कोनी! जिकी मनै जुर्त ह बा परमेसर की मंजुरी ह! म मिनखानै राजी करबो कोनी चाऊँ ज म अंय्यां करबो चाऊँ जणा म मसी को सेवक कोनी।
अर जिनै पाच थेली मिली ही बो बाऊँ पाच ओर कमाली।
जणा जिनै पाच थेली मिली ही बो ओर पाच थेल्या क सागै आयो अर खयो, ‘मालिक म थारी पाच थेल्याऊँ ओर पाच थेल्या कमाली।’
बिकै पाछै दो थेली हाळो आर खयो, ‘मालिक थे मनै दो थेली दिआ हा। जिऊँ म दो ओर कमाली।’
बिकै पाछै एक थेली हाळो दास आयो अर खयो, ‘मालिक थे बोळा निरदई हो। थे जठै कोनी बोओ बठैऊँ काटो हो, अर जठै कोनी बिखेर्यो बठैऊँ सोरो हो।
जणा बो खेबा लाग्यो, “एक आदमी जिकनै अणाप-सणाप धन-दोलत ही बो राज करबा की सीख लेबा ताँई दूर दिसावर चलेगो।
पण बिकी नगरी का दुसरा मिनख बिऊँ जळता-बळता हा बे बिकै गेल एक टोळी क हात आ खुवा भेज्यो की, ‘म्हें कोनी चावां क ओ म्हारै प राज करै।’