7 जणा पाछै परमेसर आपका टाळेड़ा मिनखानै न्याय कोनी देसी के जखा रात-दिन परमेसर की रो-रो दुहाई दि हीं? बानै न्याय देबा म के बो देर करसी?
अर परबु आपका करेड़ा करारनै पूरो करबा म देर कोनी करै, जंय्यांकी कई मिनख सोचै ह। पण परबु आपणा ताँई थ्यावस धरै ह क्युं क बो कोईको बी नास करबो कोनी चावै। पण बो चावै ह क सगळा मिनखानै पापऊँ हिया फेरबा को मोको मिलै।
ज थे बुरा होर बी थारा टाबर टिकरानै चोखी चिज देबो जाणो हो। जणा थारो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म बिराजै ह आपका माँगबाळानै पबितर आत्मा क्युं कोनी देसी?”
बा जखी सचमई खालीहोइड़ी लूगाई ह जिकै कनै बिकी साळसमाळ करबाळो कोई कोनी, अर जखी परमेसर म आस राखै ह अर रात-दिन अरदास करै ह अर परमेसरऊँ मदद माँगै ह।
बे जोर-जोरऊँ हेलो पाड़र्या हा, “ओ पबितर अर सचा परबु, थे कद न्याय करस्यो? इ धरती का मिनखा को न्याय अर जखा म्हानै मार्या हा बानै कद सजा देस्यो?”
परमेसर बोई करसी जखो सई ह। जखा थानै दिन घालै ह, बानै बो बी दिन घालसी,
इब बा चोरासी बरस की होरी ही। अर बा कदैई मनदरनै कोनी तज्यो बा रात-दिन बरत अर अरदास क सागै परबु की भगती करती।
ज थे बुरा होर बी थारा टाबर टिकरानै चोखी चिज देबो जाणो हो। जणा थारो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म बिराजै ह बे बाऊँ माँगबाळा मिनखानै चोखी चिजा क्युं कोनी देसी?
हे ईस्बर नगरी, हे परमेसर का मिनखो, भेजेड़ा चेला अर परमेसर की खेबाळो राजी होओ, क्युं क परमेसर बिको न्याय कर थारो बदलो लिओ ह।”
म्हें रात-दिन परमेसरऊँ जीज्यानऊँ अरदास करर्या हां क थानै देखां अर थारा बिस्वास की कमी पूरी करां।
थे परमेसर का लाडला, पबितर अर टाळेड़ा मिनख हो। इ ताँई तरस, दया, नरमाई अर थ्यावस का गाबा पेरल्यो अर मन म बडा मना होवो।
परमेसर का टाळेड़ा मिनखा प कूण दोस लगा सकै ह? बो परमेसरई ह जखो बानै निरदोस बणावै ह।
जणाई, “अ परमेसर का सिंघासन क सामै खड़्या हीं, अर बिका मनदर म रात-दिन बाकी भगती करता रेह्वै ह, इ ताँई जखो सिंघासन प बिराजमान ह, बो बामै बास कर बानै बचासी।
म ईसु मसीऊँ भेजेड़ो चेलो, परमेसर को दास पोलुस आ चिठी तितूस तनै मांडूँ हूँ। म परमेसर का टाळेड़ा मिनखानै बिस्वास म बढाबा भेज्यो गयो हूँ। जिऊँ बे सचनै जाणर पबितर जीवन जीवै।
तिमूतियूस म रात-दिन मेरी अरदास म तनै याद करूं हूँ, अर तेरै ताँई परमेसरनै धनेवाद देऊँ हूँ। जिकी सेवा म मेरा बडका की जंय्यां पबितर अन्तर-आत्माऊँ करूं हूँ।
ज परमेसर बा दिनानै कम नइ करतो जणा कोईबी कोनी बचतो। पण बिका टाळेड़ा मिनखा की बजेऊँ परमेसर बा दिनानै कम कर दिओ ह।
क्युं क झूठा मसी अर झूठा परमेसर की खेबाळा आसी, बे सेलाणी-चमत्कार अर ताजूब का काम दिखासी। अर ज होयो तो बे टाळेड़ा मिनखानै बी छळबा की कोसिस करसी।
थे जद अ सगळी बाता होबा लागै जणा बि टेम थे थारा सीरनै उपर उठाज्यो, क्युं क थारो छुटकारो सांकड़ैई होसी।”
जणाई म टाळेड़ा मिनखा ताँई सक्यु भोगज्याऊँ हूँ जिऊँ बे बि जीवननै जखो मसी ईसु म ह, अर बिकै सागै जुग-जुग की मेमानै लीं।
म ईसु मसी को भेजेड़ो चेलो पतरस, आ चिठी परमेसर का टाळेड़ा मिनखानै मांडूँ हूँ। जखा पिन्तुस, गलातिया, कपुदूकिया, एसिया अर बितूनिया परदेसा म तीनतेरा होगा।