25 पिसाळा मिनख को परमेसर का राज म बड़बाऊँ तो सूँई का नाकाऊँ ऊँट को निकळबो सोरो ह।”
ओ आँदा सरदारो थे मछरनै तो छाणो हो पण ऊँटनै गिट ज्याओ हो।
सोरो काँई ह? के अंय्यां ओडाबो ‘तेरा पाप धुपगा’ नहिस अंय्यां ओडाबो, ‘खड़्यो होर डोल-फिर?’
पिसाळा मिनख को परमेसर का राज म बड़बाऊँ तो सूँई का नाकाऊँ ऊँट को निकळबो सोरो ह।”
आ सुणर बे सुणबाळा हा जखा बुज्या, “जणा पाछै कूण बचायो ज्यासी?”