अर म आ बातानैई नइ पण सगळी बातानै मेरा परबु मसी ईसुनै जाणबा की बडी बात क सामै घाटा की समजूँ हूँ। अर मसी ताँई म आनै कुड़ो-करकट जा'णर बगा दिओ जिऊँ म मसीनै पाऊँ
पण जक्कई ह जखो भापड़ो खड़्यो होर परबुऊँ बोल्यो, “ओ म्हराज मेर कनै जत्ती बी धन-दोलत ह बिको आदो म गरीबा म बाट देस्युँ अर ज बेईमानीऊँ कोई भाईड़ा को क्युं बी दाब लिओ हो जणा म बिको बिनै चोगुणो पाछो दे देस्युँ।”
आ सुणर ईसु बिऊँ बोल्यो, “तेरै म हाल ताँई एक बात की कमी ह, तेरै कनै जोक्यु बी ह बिनै बेचर बिऊँ मिलेड़ा रिपीआनै गरीबा म बाट दे अर तू मेरै गेल होले इकै साटा को धन तनै ईस्बर नगरी म मिल ज्यासी।”