1 जणा ईसु चेलानै आ बताबा ताँई की बे रोजकी अरदास करता रेह्वै। अर हिमत नइ छोडीं एक मिसाल दिनी:
ध्यानऊँ अरदास करबा म लाग्या रह्यो अर परमेसरनै धनेवाद देता रेह्ओ।
आस म राजी रेह्ओ, पिड़ा म थ्यावस राखो, लगातार अरदास करता रेह्ओ।
अरदास करबा म लाग्या रेह्ओ।
कोईबी बात की चिंत्या मना करो, पण परमेसर को सगळी बात ताँई दिलऊँ धनेवाद करता होया थानै जखो चाए ह बि ताँई बिऊँ अरदास अर बिणती कर माँगता रह्यो।
हरेक मोका प अर सगळी बाता म पबितर आत्माऊँ अरदास करता रह्यो अर बंय्यांई सगळा परमेसर का मिनखा ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करबा ताँई जागता रेह्ओ।
इ ताँई सदाई चेता म रेह्ओ अर सदाई अरदास करता रेह्ओ जिऊँ थे सगळी होबाळी बाताऊँ बच सको अर मिनख का बेटा क सामै खड़्या हो सको।”
जणा आपानै चाए क जीज्यानऊँ भला काम करबा म लाग्या रेह्वां। जिऊँ ठिक टेम आबा प आपानै बिको फळ मिलै।
म्हारै प परमेसर की दया होई जिऊँ म्हानै आ सेवा मिली ह, जणा म्हें हिमत कोनी हारां।
थारै मालोई एक ओर ह जिको नाम इफरास ह अर मसी ईसु को दास ह बिकी बी थानै “जे मसी की” पुगै। ओ सदाई थारै ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करै ह जिऊँ थे परमेसर की सगळी इंछ्या म समजदारी अर पूरा भरोसा क सागै खड़्या रेह सको।
क्युं क जखो माँगै ह बिनै मिलै। जखो ढुंढै बिनै लाधै। अर जखो खुड़कावै बि ताँई कुआड़ खोल्यो जावै।