21 कोई आ कोनी खे सकै, की देखो परमेसर को राज ओर्यो नहिस बोर्यो, क्युं क परमेसर को राज तो थारै मांयनैई ह।”
अर ज म परमेसर की पबितर आत्माऊँ ओपरी बलायानै भगाऊँ, जणा इऊँ आ साबित होवै ह क परमेसर को राज थारै सांकड़ैई ह।
क्युं क परमेसर को राज खाबो-पीबो कोनी पण बो तो धारमिक्ता, स्यांती अर पबितर आत्माऊँ मिलबाळो सुक ह।
बा दिना म थानै कोई खेवै, “देखो अठै ह मसी नहिस बठै ह मसी।” जद थे बिको बिस्वास मना करज्यो।
परमेसर आपका टाळेड़ा मिनखा प बि भेदभर्या सतनै परगट कर्यो जिकी बो मनस्या बणा राखी ही ओ सत बोळो मेमाभर्यो ह, अर ओ सगळा ताँई ह। ओ भेद भर्यो सत ओ ह क, मसी गैर-यहूदि मिनखा म बी रेह्वै ह जखो मेमा की आस ह।
ईसु बोल्यो, “चोकन्ना रेहज्यो कदै कोई थानै भंगर्या म नइ गेर दे, क्युं क मेरा नामऊँ बोळा आसी अर खेसी बे मसी हीं, अर बा घड़ी आगी ह। पण थे बाकै गेल मना होज्याज्यो।
अर अंय्यां का बी होसी जखा थानै खेसी, ‘देखो बो बठै ह! नइ बो अठै ह!’ पण थे बाकी मना मानज्यो।
यहून्ना बानै जुबाब दिओ, “म तो पाणी को बतिस्मो देऊँ हूँ। पण थारै बिचमै एक मिनख खड़्यो ह, जिनै थे कोनी जाणो।
ईसु बोल्यो, “मेरो राज इ दुनिया को कोनी। ज मरो राज अठै को होतो जणा मेरै गेल चालबाळा मनै यहूदि मिनखा क हाता म पड़बाऊँ बचाबा ताँई लोय भवाता। पण मेरो राज अठै को कोनी।”