अर म बिस्वास म कमजोर ताँई कमजोर बण्यो जिऊँ म बानै मसी म ल्या सकूँ अर म मिनखा ताँई क्युंना क्युं बण्यो जोक्यु हो सकै हो बो म कर्यो की म बामैऊँ क्युंकनै बचा सकूँ।
मिनख का बेटानै तो मरनोई ह जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह। पण कत्ती बुरी दसा ह बि मिनख की जिकी बजेऊँ मिनख को बेटो पकड़ायो जासी। इऊँ चोखो तो ओ होतो क बो मिनख जलमतोई नइ।”
पण म तो अंय्यां कोनी कर्यो। अर ना म अंय्यां की कोई बात मांडी जिऊँ थे मेरै ताँई क्युं करो। जि बात को मनै गुमान ह बिनै कोई खोसले इऊँ पेली म मरबो पसंद करस्युं।