9 अर जद बा बि सीक्कानै ढुंढले। जणा पाछै बा राजी होर आपकी भाईल्या अर आसपड़ोसनै बुलार बानै बोलै ह, ‘मेरो गुमेड़ो सीक्को पाछो मिलगो।’
परमेसर बिपै दया दिखाई ह, इ बात को समचार बिका रिस्तेदारानै अर जाणकारानै लाग्यो जणा बे सगळा बिकै सागै खूब राजी होया।
“नहिस तो अंय्यां सोचो एक लूगाई ह अर बिकन दस चाँदी का सीक्का हीं जिमैऊँ एक गुमज्या, जणा बा जद ताँई बो सीक्को मिल नइ जा घरनै झाड़ती भारती अर दिओ लेर बिनै सूल टोती कोनी रेह्वै के?
म थारूँ बोलुँ हूँ ठिक अंय्यांई जद कोई पापी पापऊँ तौबा करै ह, जणा परमेसर का ईस्बर नगरी दुता क सामै खुसी मनाई जावै ह।”