5 अर जद बा गुमेड़ी लल्डी लाध जावै जणा थे बिनै राजी होर थारा कांधा प चढार थारै घरा ल्याओ हो।
आओ ल्यो आपा आपणी आँख्या ईसु प लगावां। जखो बिस्वास को मालिक अर बिनै निधान करबाळो ह। बो आगला सुक क बारां म सोचतो होयो बेजती होबा की चिंत्या कर्या बिना सुळी प दुख भोग्यो अर परमेसर क सिंघासन क दायणै जार बिराजगो।
अत्ती सुणर ईसु बिनै बोल्यो, “इ कूणबा म आज छुटकारो आगो ह क्युं क ओ बिस्वास कर दिखा दिओ की ओ अब्राहम की ओलाद ह।
जणा ईसु बिऊँ बोल्यो, “म तनै बचन देऊँ हूँ क आज तू मेरै सागै परलोक म होसी।”
पण इब आपानै राजी होणो अर खुसी मनाबो चाए। क्युं क ओ तेरो भाईड़ो जखो आपणै कानि को मर्यो समान हो पाछो जीयायो ओ गुमगो हो इब लाध्यायो।’”
थे, जानै परमेसर थारै बिस्वास क जरिए आपकी ताकतऊँ बि छुटकारा ताँई बचावै ह जखो अंत घड़ी म परगट कर्यो ज्यासी।
अर चेतो कर सेतान का जाळऊँ बच ज्यावीं, जखो बानै खुदकी इंछ्या मनवाबा ताँई पकड़ राख्यो ह।
क्युं क ओ चोखो समचार थारै कनै बोली रूप मई कोनी पुग्यो पण सक्ति, पबितर आत्मा अर इकै सच की पुक्ताई क सागै पुग्यो ह। जंय्यां थे जाणोई हो क, म्हें थारा भला ताँई थारै मांयनै कंय्यां जिया।
परमेसर की दया का दानऊँ म चोखा समचार को सेवक बण्यो अर बिकी काम करबाळी सक्तिऊँ मनै ओ दान मिलेड़ो ह।
आपा परमेसर की बणाएड़ी रचना हां अर मसी ईसुऊँ भला काम करबा ताँई आपानै रच्यो गयो ह, जानै परमेसर पेल्याऊँई आपणा ताँई त्यार कर्यो ह।
म आ बात थारूँ इ ताँई बोल्यो, क मेरी खुसी थानै मिलै, अर थे सची खुसीऊँ भरपूर होज्याओ।
“मानल्यो थारै मऊँ कोईसा क कनै सो लल्ड्या हीं अर बामैऊँ एक गुमज्या जणा थे काँई करस्यो? के बा निन्याणमनै उजाड़ म छोडर जद ताँई बा गुमेड़ी लल्डी कोनी मिलज्यावै बिनै कोनी ढुंढस्यो?
अर घरा आबा क पाछै थारा आसपड़ोस अर थारा भाईलानै बुलार बाकै सागै लल्डी मिलबा की खुसी मनाओ हो।