10 म थारूँ बोलुँ हूँ ठिक अंय्यांई जद कोई पापी पापऊँ तौबा करै ह, जणा परमेसर का ईस्बर नगरी दुता क सामै खुसी मनाई जावै ह।”
“म थानै बोलुँ हूँ अंय्यांई पापऊँ तौबा करबाळा पापी की खुसी ईस्बर नगरी म ओर बी घणी होसी। जत्तो की बा निन्याणमै धरम्या क बदलै कोनी होवै जानै मन फेरबा की जुर्तई कोनी।
क्युं क जखो दुख परमेसर क कानिऊँ होवै ह बो पापऊँ हियानै बदलबा ताँई होवै ह बिको मकसद छुटकारो ह बिऊँ इ बात को पछताओ कोनी होवै क म्हें क्याले पापऊँ हियो बदल्यो। पण जखो दुख जगतऊँ मिलै ह, बिको फळ मोत ह।
नइ, पण म थारूँ खेऊँ हूँ ज थे बी पापऊँ तौबा कोनी करस्यो। जणा थारै सागै बी अंय्यांई होसी जंय्यां बे मर्या बंय्यांई थे बी मरस्यो।”
अंय्यांई थारो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म ह। बो बी कोनी चावै क आ अणभोळ मिनखा मऊँ एक बी नास होवै।
इ ताँई सगळा ईस्बर नगरी दुत छुटकारो पाबाळा मिनखा की सेवा करबा ताँई भेजेड़ी आत्मा हीं।
अ बाता सुणर बे बिऊँ जिरै करबो बंद कर दिओ अर सगळा परमेसर की आ खेर बडाई करबा लागगा की, “परमेसर गैर-यहूदि मिनखानै बी सचो जीवन जीबा ताँई पापऊँ मन फेरबा को दान दिओ ह।”
जणा म तेरूँ बोलुँ हूँ क इको ओ आँदो परेम ओ दिखावै ह क इका बोळासारा पाप माफ कर्या गया हीं। पण जिका थोड़ा पाप माफ कर्या गया हीं बो थोड़ो प्यार दिखावै ह।”
“सुणो थे मेरो खयो मानबाळानै निचो मना जाणो क्युं क ईस्बर नगरी दुत थारो लेखो-जोखो मेरा परम-पितानै देवै ह।
कूण जाणतो हो क बो तेरूँ इ ताँई न्यारो होयो क बो सदाई तेरै कनै रेह्वै।
पण जंय्यांई रात होई जणा ईस्बर नगरी दुत आर बि कोठड़ी का कुआड़ानै खोल दिओ अर बा भेजेड़ा चेलानै बारनै लेज्यार बाऊँ बोल्यो,
“जखो बी मिनख लोगा क सामै मनै मान लेसी जणा म बी ईस्बर नगरी म रेह्बाळा परम-पिता क सामै बानै मानस्युं।
“म थानै खेऊँ हूँ, जखो कोई मिनखा क सामै मनै मान लेसी। जणा म मिनख को बेटो बी परमेसर का ईस्बर नगरी दुता क सामै बिनै अपणा लेसी।
पण जखो मिनखा क सामै मनै कोनी मानसी। जणा म बी बिनै परमेसर का ईस्बर नगरी दुता क सामै कोनी अपणास्युं।
अर जद बा बि सीक्कानै ढुंढले। जणा पाछै बा राजी होर आपकी भाईल्या अर आसपड़ोसनै बुलार बानै बोलै ह, ‘मेरो गुमेड़ो सीक्को पाछो मिलगो।’
इकै पाछै ईसु बोल्यो, “कोई मिनख हो बिकै दो छोरा हा।