23 जणा बि टेम कोई बिऊँ बुज्यो, “म्हराज के थोड़ाई मिनख बचाया जासी?” ईसु बिऊँ बोल्यो,
पण सकड़ा बारना को गेलो जीवन कानि जार्यो ह। अर थोड़ा मिनख इ गेलै जार्या हीं।
जणा ईसु बोल्यो, “इ निती-कथानै खेबा को मतबल ओ ह, क परमेसर बोळानै बुलाया ह पण टाळेड़ा क्युंकई ह।”
अंय्यांई जखा पिछै हीं बे आगै होसी अर जखा आगै हीं बे पिछै होसी।”
अंय्यां सुणर चेला ताजूब करता होया बोल्या, “जणा कूण बचायो ज्यासी?”
ईसु जद नगर्या-नगर्या अर गाँव-गाँव का मिनखानै परमेसर की सीख देतो यरूसलेम जार्यो हो।
“सकड़ा बारना होर परमेसर का राज म बड़बा ताँई मेनत करो क्युं क बोळाजणा मांयनै बड़बो चासी पण कोनी बड़ सकींगा।