17 बो जद अंय्यां बोल्यो, जणा बा बोलबाळा की गुद्दि निची होगी। अर बठिनै भीड़ ही जखी बिका करेड़ा ताजूबभर्या कामानै देख-देखर राजी होरी ही।
अर थारी अन्तर-आत्मानै बी सुद राखो, अंय्यां थे बा मिनखानै सरमा मार देस्यो जखा मसी म थारै भला करमा क बारां म बुरो बोलीं हीं।
पण इब बे ओर घणा कोनी पण्प सकीं, क्युं क जंय्यां यन्नेस अर यमबरनेस की बावळी-बुदी सगळा क सामै आई बंय्यांई आकी बी आज्यासी।
जणा पंच बानै सूल चेतार छोड दिआ, अर बानै सजा देबा को गेलो कोनी लाध्यो, क्युं क जोक्यु होयो हो बिकी बजेऊँ लोग परमेसर को गुणगान गार्या हा।
अर इकै पाछै बाकी ओर कोई सुवाल बुजबा की हिमत कोनी बगी।
पण बाकै अंय्यां करबा को कोई मोको हात कोनी लाग्यो। क्युं क सगळा मिनख बिका बचनानै बोळा मानता हा।
जणा अत्ती खेताई बो देखबा लागगो अर परमेसर की बडाई करतो बिकै गेल होलिओ। देखबाळा आ देखर परमेसर को गुणगान गाबा लागगा।
पण इ बात को बाकन कोई जुबाब कोनी हो।
बोई बोल जिपै कोई आँगळी नइ उठा सकै, जिऊँ तेरा बेरी सरमिंदा होवीं अर बाकन आपानै बुरो बताबा की कोई बजै नइ होवै।