7 थारै सीर को एक-एक बाळ बी गिणेड़ो ह। डरो मना थे तो चिड़कल्याऊँ बढर हो।
थे अकास का पंछ्यानै देखो बे नइ तो बोवै ह अर नइ काटै, अर नइ बे आपकी ओबरी म नाज भेळो करै, जणा बी थारो ईस्बर नगरी परम-पिता बाको पेट भरै ह। के थे बाऊँ बेसी कोनी?
पण थारा सीर को एक बाळई बाको कोनी होसी।
म थारूँ अरदास करूं हूँ क्युं खाल्यो जिऊँ थे जिंदा रेह्वो। क्युं क थारै मऊँ कोईसाको बाळई बाको कोनी होवै।”
जदकी मिनख को मोल तो लल्डीऊँ बेत्ती ह। इ ताँई अरामहाळा दिन भलाई करबो चोखो ह।”