15 अर ईसु बोल्यो, “चेता म रेह्ओ अर सगळा भात का लोभ लालचऊँ बच्या रेह्ओ क्युं क जीवन म धन दोलतई सक्यु कोनी।”
थारो सुभाव धन को लालची नइ होवै, अर जोक्युबी थारै कनै ह, बिमई सबर राखो, क्युं क परमेसर बोल्यो ह, “म तनै कदैई कोनी छोडूँ, अर कदैई कोनी तजूं।”
क्युं क मिनख मतलबी, लालची, फाँप मारबाळो, मरोड़ म बाँका अर बुराई करबाळा, खुदका माँ-बाप को खयो नइ मानबाळा, दया नइ करबाळा, अधरमी होसी।
पिसा का भूखा फरिसी आ सुणर ईसु को मजाक उडाबा लागगा।
इ ताँई थारै मांयनै जोक्यु दुनियादारी की इछ्या गेल काम करै ह बानै मार द्यो, जंय्यां मुंडा काळा होबाळा नाजायज कुकरम बासना भर्या काम, बुरी इंछ्या अर लोभ-लालच जखो परमेसर की नजर्या म बुरो ह अठै ताँई की मूरती पूजा की जंय्यां ह।
अर जखा बीज झाड़्या म पड़्या बिको मतबल ओ ह की बे मिनख जखा बचननै सुणी पण जद बे बापै चाली जणा चिंत्या, धन-दोलत अर जिंदगी का मजा बानै दबा देवै ह जिऊँ बे सूल कोनी फळै।
अर बे लालची होबा की बजेऊँ थानै दिखावटी बाता बोलर थारूँ धन कमासी। अर बाकी सजा तो पेल्याऊँई परमेसर ते कर राखी ह। अर बाको नास बानै उडिकर्यो ह।
व्यबिचार, लोभ, कमिणोपुणो, दोगलोपुणो, ठगणो, बेहूदोपुणो, बळोकड़ोपूणो, कोईकी बुराई करबो, गुमान अर गोबुपुणो (मोथोपुणो) बारनै निकळ ह।
चोर लूटेरा, लालची, दारूखोर्या, भिड़ाबाळा, अर ठग परमेसर का राज का वारिस कोनी होसी।
“इ ताँई चेता म रेह्वो, कदै अंय्यां नइ होज्या क थे तो लाग्या रेह्वो पीबा-खाबा अर आटा चून की चिंत्या म अर बो दिन थार प फंदा की जंय्यां आ पड़ै।
बे सदाई बि कुकरमी लूगाई की तक म रेह्वै जिकै सागै अ कुकरम कर सकै। अर बे पाप कर्या बिना कोनी सकै। अ भोळा-भाळा मिनखानै भूळा-फुसळार आपकै सागै कर लेवीं हीं आको हियो लालची ह अ सराप की ओलाद हीं।
बो बानै मिसाल देर बोल्यो, “एक पिसाळा मिनख क चोखी पैदावार होई।