अर ज कोई मिनख खुदका बिस्वासी भाईनै अंय्यां को पाप करता देखै जिको फळ जुग-जुग की मोत कोनी ह जणा बो परमेसरऊँ बिकै ताँई अरदास करै जणा परबु बिनै जुग-जुग की मोत की सजा कोनी देसी पण बाकी अरदास सुणर जुग-जुग को जीवन देसी। पण म बा मिनखा ताँई अरदास करबा ताँई कोनी खेऊँ जखा अंय्यां का पाप करै ह जिको फळ जुग-जुग की मोत ह।