9 “अर इ ताँई म थारूँ बोलुँ हूँ, माँगो थानै मिलसी, ढुंढो थानै लाधसी, कुआड़ खुड़काओ जणा थारै ताँई खोल्यो जासी।
जणाई म थानै खेऊँ हूँ थे अरदास म ओ बिस्वास कर माँग्या करो क थे जोक्यु बी माँगर्या हो बो थानै मिलगो ह जणा बो थानै मिल ज्यासी।
बिस्वासऊँ अरदास म जोक्यु बी माँगस्यो, बो थानै मिलसी।”
थे मनै कोनी टाळ्या पण म थानै टाळ्यो हूँ, अर थानै बोळा सारका फळ ल्याबा को काम सूप्यो हूँ। अंय्यां का फळ फळो जखा सदाई बण्या रेह्वै, अर इ बजेऊँ परम-पिता बो सक्यु देसी, जोक्यु बी थे मेरा नामऊँ बिऊँ माँगस्यो।
ज थे मेर म अर मेरा बचन थारै म बण्या रेह्सी, जणा थे जोक्यु बी थारी इंछ्या गेल माँगस्यो बो थानै मिलसी।
अर थे जोक्यु बी मेरा नामऊँ माँगस्यो म करस्युं, क्युं क परम-पिता की मेमा बेटा क जरिए दिखाई ज्यासी।
अर आपा जोक्यु बिऊँ माँगा हां बो आपानै मिलै ह, क्युं क आपा बोई काम करां हां जखो परमेसरनै भावै ह अर आपा बिका हुकमानै बी माना हां।
पण ज थार मऊँ कोईनै बी बुदी की कमी होवै जणा बो परमेसरऊँ माँगै, जखो बिना धमकाया खुला हियाऊँ देवै ह, अर थानै आ बुदी दि ज्यासी।
अर बिस्वास क बिना परमेसरनै राजी करबो अणहोतो ह, क्युं क परमेसर क कनै आबाळानै बिस्वास करबो चाए क बो ह अर परमेसरनै लगनऊँ ढुंढबाळानै बो फळ देवै ह।
बिस्वासऊँ करेड़ी अरदासऊँ रोगलो, निरोगो होज्यासी अर परबु बिनै खड़्यो कर देसी। अर ज बो पाप कर्यो हो जणा परबु बिका पाप धो देसी।
जणा आओ, आपा हिमत बां'दर परमेसर की दया का सिंघासन कानि चालां, जिऊँ आपणानै दया अर किरपा मिलै अर जुर्त की टेम प आपणी मदद हो सकै।
ईसु जुबाब म बोल्यो, “ज तू परमेसर का बरदाननै जाणती अर आबी क, ‘जखो तेरूँ पीबा ताँई पाणी माँगर्यो ह बो कूण ह, जणा तू बिऊँ माँगती अर बो तनै जीवन देबाळो पाणी देतो।’”
म थारूँ खेऊँ सुलेमान राजा बी आपका राजपाट की स्यान-सोरत म बामैऊँ एक की जंय्यां का बी गाबा कोनी पेर सक्यो।
क्युं क बो बोल्यो ह, “म सई टेम प तेरी सुणली, अर म छुटकारा हाळै दिन तनै सारो दिओ।” सुणो! सई टेम अर “छुटकारा को दिन” ओई ह।
अर जखी बाता म थानै खेऊँ हूँ बेई बात म सगळानै खेऊँ हूँ क थे सगळा जागता रेहज्यो।”
बे मिनख जखा थ्यावसऊँ भला कामा म लागर मेमा, मान-समान अर अजर-अमर जीवननै टोवीं हीं बानै परमेसर अजर-अमर को जीवन देसी।
बताओ आ दोन्या म कूणसो ह, जखो बाप चाओ हो बो कर्यो?” बे बोल्या, “बडोड़ियो छोरो कर्यो।” जणा ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ, चुंगी लेबाळा अर बेस्या परमेसर का राज म थारूँ पेल्या ज्यासी।
इब म थुआतिरा बिस्वासी मंडळी का बा मिनखानै खेबो चाऊँ हूँ जखा बि लूगाई की सीखनै कोनी मानै अर सेतान की भेद भरी बातानै कोनी जाणै। ‘म थार प ओर बोज कोनी लादूँ,
क्युं क जखो माँगै ह बिनै मिलै। जखो ढुंढै बिनै लाधै। अर जखो खुड़कावै बि ताँई कुआड़ खोल्यो जावै।