8 म थानै बोलुँ, थारो भाईलो होबा क नातै बो कोनी उठै अर क्युंई कोनी दे। पण थारै बेसरमा होर बार-बार माँगबा की बजेऊँ बोई उठर थानै थारी जुर्त गेल देसी।
थारै मालोई एक ओर ह जिको नाम इफरास ह अर मसी ईसु को दास ह बिकी बी थानै “जे मसी की” पुगै। ओ सदाई थारै ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करै ह जिऊँ थे परमेसर की सगळी इंछ्या म समजदारी अर पूरा भरोसा क सागै खड़्या रेह सको।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, आपणा परबु ईसु मसी अर पबितर आत्मा का परेमऊँ म थारूँ अरदास करूं हूँ क, परमेसरऊँ मेर ताँई अरदास करबा क जरिए मेरी आत्मिक राड़ म मेरो सागो द्यो।
म चाऊँ क थे इ बातनै जाणो क, म थारै ताँई, लोदिकीया नगरी म रेह्बाळा अर बा सगळा ताँई जाऊँ मेरो आमनो-सामनो कोनी होयो, कत्ती चिंत्या राखूँ हूँ।
म तीन बर परमेसरऊँ अरदास कर बोल्यो क, इ पिड़ानै मेरूँ दूर कर दे,
अर मांयनैऊँ उवाज आवै, ‘मनै दुखी मना करै, म सक्यु ढक ढकार मेरा टाबरा क सागै बिछावणा म हूँ। अर इ टेम उठर तनै क्युंई कोनी दे सकूँ।’