48 अंय्यां कर थे आ दिखाओ हो क थे थारा बाप-दादा क गेल चालर्या हो। क्युं क बे तो बानै मार्या अर थे बाकी कबर बणाओ हो।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, थे परमेसर की खेबाळानै मना भूलो जखा परबु क नामऊँ बोलता हा। बे आपणा ताँई दुख, मुसीबत सेण करबा अर थ्यावस राखबा का नमूना हीं।
अंय्यां खेर थे खुदई थारै खिलाप गुवाई द्यो हो क परमेसर की खेबाळानै मारबाळा की ओलाद हो।
“हे कपट्यो धिक्कार ह थार प, थे चुनाऊँ पोतेड़ी कबर की जंय्यां हो। बे बारनैऊँ तो सोवणी लागै ह पण बाकै मांयनै मुरदो सिडै़ ह।
थार प हाय ह! थे बा परमेसर की खेबाळा मिनखा की कबर बणाओ जानै थारा बडका मारगेर्या।
जणाई तो परमेसर को ज्ञान बोलै ह, ‘म बाकन परमेसर की खेबाळा अर बानै भेजस्युं जखा भेजेड़ा खुवावीं हीं।’ अर बे बामैऊँ क्युंकनै तो मार देसी अर क्युंकनै दिन घालसी।
बे परमेसर का नियमानै जाणी हीं क जखो मिनख अंय्यां जीवै ह बो मोतनै पाळै ह जणा पाछै बी बे खुद तो अंय्यां करै जखा करैई ह अंय्यां करबाळा दुसरानै बी सई बतावै।